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गुस्सा ही गुस्सा... !! Hindi Satire on Anger


हम सबके प्यारे बच्चा भाई देश में चल रहे माहौल से परेशान हैं. बड़ा कुरेदने पर उन्होंने आश्चर्य से बताया कि, यार! क्या छोटे-बड़े, अमीर-गरीब, नेता-अभिनेता, शिक्षित-अशिक्षित और ऐसी ही दूसरी तमाम कैटेगरीज के लोग असीमित गुस्से में डूबते जा रहे हैं! आगे बताया बच्चा भाई ने कि लोग शिकार तो हो रहे हैं वह एक बात है, दूसरी बात यह कि इन बिचारों को समझाने वाला भी कोई नहीं है! जैसे, गाँव के रामू काका टाइप का... लगातार बोलते हुए बच्चा भाई ने उदाहरण भी दे डाला! अब हाल ही में हुए क्रिकेट मैच को ही देख लो! भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए मैच के नतीजों से क्रिकेटप्रेमी गुस्सा हो गए... अब गुस्सा हो गए तो बोतलें फेंकने लगे मैदान में... सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ, तो रुका नहीं! हाँ! मैच जरूर रुका, वह भी कई बार... !! खैर, जैसे-तैसे मैच खत्म हुआ... उसके बाद बारी थी खिलाड़ियों की! क्या देसी, क्या विदेशी ... सभी क्रिकेट के दिग्गज अब नाराज हो गए... सबने पूरे कटक को ही दोषी घोषित कर दिया! कह दिया, अब कोई क्रिकेट का मैच वहां नहीं होगा.. किसी ने भी इस मामले को ठन्डे दिमाग से काम नहीं लिया... भई, गुस्सा है! आक्रोश है...  इस पर सबका हक़ जो है! बच्चा भाई चिल्लाते रह गए कि अरे 'कटक' को तो बदनाम न करो, इसको तो बख्श दो ... लेकिन, क्या दर्शक और क्या खिलाड़ी, सबने कटक को काट ही दिया!

बच्चा भाई अपना ज्ञान आगे बघारते हुए बोले कि ऐसा भी नहीं है कि गुस्सा सिर्फ क्रिकेट से जुड़े इन लोगों का ही है, बल्कि हमारे नेता भी कहाँ कम हैं! कुछ छुटभैये नेता गौ माता को लेकर जीने मरने की बात कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश के ताकतवर मंत्री श्री श्री आज़म खान को गुस्सा आ गया और ठान लिया उन्होंने कि अब तो 'संयुक्त राष्ट्र संघ' ही जायेंगे! मृतक के परिवार वालों समेत लोगों ने बड़ा समझाया कि क्यों अपनी मिट्टी पलीत करते हो आज़म साहब, संयुक्त राष्ट्र संघ भारत के आतंरिक मामले में क्या करेगा भला? हमारे बच्चा भाई ने तो उन्हें जोश दिलाते हुए यह भी कह दिया कि 'संयुक्त राष्ट्र संघ' से भी ऊँची अदालत में जाइये खान साहब, प्रार्थना कीजिये... वो अल्लाह की अदालत सबसे बड़ी है! लेकिन, खान साहब ने अपना चश्मा नाक पर रखते हुए घूरकर बच्चा भाई की ओर देखा और लिख ही डाला 'बान की मून' को अपना प्रेम-पत्र! इसके बाद, यूपी सरकार को भी गुस्सा आ ही गया, थोड़ा देर से ही सही और उसने जैसे तैसे दादरी आरोपियों के खिलाफ मुकदद्मा दर्ज कर ही लिया! बच्चा भाई इसके बाद रूआँसे से हो गए और अपना दर्द बयां किया कि हर मामले में आगे रहने वाले साहित्यकार और जज भला गुस्सा जताने में पीछे कैसे रहते? लगे हाथों, स्वामीनाथन एस अंकलेश्वर अय्यर साहब और काटजू जी भी ताव खा गए और कह दिया कि 'खाते हैं वो बीफ, उखाड़ना है जिसे जो भी वह उखाड़ ले'! इसी क्रम में जवाहरलाल नेहरू की भांजी और मशहूर लेखिका नयनतारा सहगल को भी गुस्सा आ गया और उन्होंने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का फ़ैसला कर लिया. बाद में बच्चा भाई को पता चला कि वह भी रामजेठमलानी की तरह मोदीजी से रूठ गयी हैं!

खैर, यह मामला अभी चल ही रहा था कि बुड़बकों पर अपने लालू जी गुसिया गए... दे डाला बीफ पर उल्टा पुल्टा बयान... और जब उनके बयान पर उठा तूफ़ान... तो उन्होंने कहा दोषी है शैतान! अब बेचारा, शैतान पहले ही सऊदी अरब में पत्थरों की मार झेल रहा था और अब लालू ने भी उसे चक्कर कटा ही दिया! सऊदी अरब की बात आयी तो सीरिया पर आईएस और रूस के गुस्से का ज़िक्र भी बच्चा भाई ने कर ही दिया! रूस ने आईएस के बहाने अपने राजनीतिक विरोधियों पर गुस्सा निकालना शुरू किया तो अमेरिका और नाटों देशों को भी गुस्सा आ गया! यह कहते कहते बच्चा भाई का गला बैठ गया ... और .. अंत में वह कवि से हो गए. काव्य अंदाज में बोले  गुस्से की बात कहाँ तक की जाय, इसकी महिमा अपरम्पार है, आज कल प्रत्येक इंसान के मस्तिष्क में इसका घरबार है! वगैर गुस्से के हर इंसान, हर अभियान बेकार है!

- मिथिलेश 'अनभिज्ञ'




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