छठ त्यौहार
भूखेली माई हमार
डूबत सुरुज के करेली पूजा
अरघ देली बार-बार
आशिर्बाद खाती बीच पनिया
खाड़, संगे परिवार
घाट पर सांझ और सबेरे
पहुंचे ला गाँव जवार
घाट संगे चमके जियरवा
गोण लागीं 'माई' के बारम्बार
- मिथिलेश 'अनभिज्ञ'
|| छठ त्यौहार की हर एक को हृदय से बधाई, शुभकामनाएं. ||
इस 'महापर्व पर पिछली साल लिखा गया लेख यहाँ पढ़ा जा सकता है: http://bit.do/Chhath-Mahaparv
- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
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