How to become PIB Accredited Journalist |
अक्सर इस बात पर डिस्कशन चलती रहती है कि मान्यता - प्राप्त पत्रकार कैसे बना जाए।
इस संदर्भ में जो सबसे महत्वपूर्ण सूचना है, वह यह है कि पीआईबी अर्थात प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो के माध्यम से एक्रेडीटेड (accredited) जर्नलिस्ट बना जा सकता है, अर्थात मान्यता-प्राप्त पत्रकार बना जा सकता है।
हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि बिना पीआईबी एक्रेडीशन (PIB Accredited Journalist) के आप पत्रकारिता ही नहीं कर सकते!
बल्कि सच तो यह है कि आप को पत्रकारिता करने के लिए किसी भी प्रकार की एक्रेडीशन की जरूरत नहीं है, बल्कि संविधान में दिए गए अधिकार ही इसके लिए पर्याप्त हैं। फिर भी पीआईबी से मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कई सुविधाएं मिलती हैं, इसीलिए लोग-बाग इस बारे में जानकारी लेना चाहते हैं।
आपको बता दें कि पीआईबी मान्यता वर्तमान में दिल्ली एनसीआर के पत्रकारों तक ही सीमित है। अर्थात दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, बहादुरगढ़ के पत्रकार ही इसमें अप्लाई कर सकते हैं।
ऐसे में मान्यता प्राप्त पत्रकार बनने के लिए किसी भी रिपोर्टर या कैमरामैन (Reporter or Photo Journalist) को पूर्णकालिक पत्रकार के रूप में कम से कम 5 साल का एक्सपीरियंस होना आवश्यक है। वहीं अगर फ्रीलांस जर्नलिज़म (Freelance Journalist accreditation) करते हैं, तो इसमें आपको 15 साल के एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है। जब आप इस क्राइटेरिया को पूरा कर लेते हैं, तब आप की डिटेल होम मिनिस्ट्री को दी जाती है, और उसके बाद आपको एक मान्यता पत्र जारी किया जा सकता है।
हालांकि इस प्रक्रिया से पहले पुलिस द्वारा वेरीफिकेशन आवश्यक होता है।
वैसे यह एक हद तक जटिल प्रोसेस है, और इसके लिए आपको काफी सक्रियता की आवश्यकता पड़ती है। आपको बता दें कि पीआईबी एक्रेडीटेड रिपोर्टर या कैमरामैन के नामों पर विचार करने के लिए केंद्रीय प्रेस प्रत्ययन समिति की साल में कम से कम 2 बार बैठक होनी आवश्यक है।
यहां यह बताना भी आवश्यक है कि 8 सदस्यीय समिति का नेतृत्व पीआईबी के प्रधान महानिदेशक द्वारा अध्यक्ष के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इस समिति में इंडियन प्रेस काउंसिल (Press Council of India) और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन [News Broadcasters Association (NBA)] के रिप्रेजेंटेटिव भी शामिल होते हैं।
एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक साल 3000 की संख्या के आसपास PIB से मान्यता कार्ड जारी किए जाते हैं। इन मान्यता प्राप्त पत्रकारों को दिल्ली एनसीआर के भीतर जो भी सरकारी भवन हैं, वहां तक पहुंचने की आज्ञा रहती है। हालांकि देश के दूसरे हिस्से के पत्रकारों को उनकी राज्य सरकार द्वारा जारी प्रेस मान्यता प्राप्त करना होता है, और फिर वह भी आसानी से कवरेज कर सकते हैं।
अगर इससे रिलेटेड अन्य लाभों की बात की जाए, तो रेलवे किराए में छूट और सीजीएचएस (CGHS) कार्ड भी मिलता है, जिससे कुछ अस्पतालों में मुफ्त इलाज की भी सुविधा मिलती है। इसके अलावा कुछ चयनित पत्रकारों के लिए सरकारी बंगलो की भी कुछ संख्या निश्चित की गई है। हालाँकि, कुछ खबरों के अनुसार, इस सुविधा को ख़त्म करने पर भी विचार-विमर्श हो रहा है।
अब सवाल यह आता है कि क्या ऑनलाइन मीडिया के लिए कोई मान्यता होती है या नहीं?
आपको बता दें कि हाल-फिलहाल तक पीआईबी का मान्यता प्राप्त स्टेटस किसी डिजिटल मीडिया के पत्रकार (Digital Media Reporter) को नहीं मिला है। वैसे पीआईबी वेबसाइट पर ऑनलाइन मीडिया ऑर्गेनाइजेशंस के रिपोर्टर्स के लिए क्या-क्या दस्तावेज होने चाहिए उसकी एक अलग सूची दी गई है। परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि अभी ऑनलाइन पत्रकारों के लिए इंतजार ही करना होगा।
यूं इस सूची में पिछले फाइनेंशयल ईयर के लिए News Portal की बैलेंस शीट, डोमेन नेम पंजीकरण प्रमाणपत्र अर्थात Domain Registration Certificate), उसके अलावा ग्राहकों की सूची और प्रतिदिन कम से कम 6 बार वेबसाइट अपडेट होनी चाहिए, उसके प्रूफ आपको देने पड़ते हैं।
अर्थात आप अपना पोर्टल सक्रियता से चला रहे हैं, इस बात को सुनिश्चित करना होता है। यही वह चीजें हैं, जो आपको इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।
वैसे आपको बता दें कि पत्रकारिता करने के लिए यह कोई अनिवार्य शर्त नहीं है, आप इसके बिना भी पत्रकारिता कर सकते हैं, अपना न्यूज़ पोर्टल चला सकते हैं। डिजिटल मीडिया के माध्यम से आप अपनी खबरों को प्रसारित कर सकते हैं, लेकिन हाँ! अगर आप सरकार से जुड़ना चाहते हैं, अगर आप सरकारी लेवल की पत्रकारिता गहराई तक में करना चाहते हैं, तो निश्चित रूप से पीआईबी मान्यता प्राप्त (PIB Accredited Journalist) कार्ड आपकी इसमें सहायता करता है।
इसे आप ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं, और उसके लिए आपको इस लिंक पर जाना होगा: https://accreditation.pib.gov.in/
इसके लिए और विस्तार से आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं: https://pib.gov.in/NewsDetail.aspx?NewsID=453
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