महिलाअधिकारअभियान.कॉम, यह नाम ही बताने के लिए पर्याप्त है कि यह वेबसाइट किस संबंध में है. एक बिजनेस पर्सन के तौर पर मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आईटी में जो क्रांति हुई है, उसने आम जनमानस के जीवन को आसान किया ही है, किंतु महिलाओं के लिए खास तौर पर तमाम विकल्प खड़े किए हैं. अब किसी जॉब को ही ले लीजिए, हर कोई ऑफिस जा सकता है, काम कर सकता है और कर ही रहा है, किंतु बात जब आती है कि जॉब के साथ-साथ महिला को घर भी संभालना है, अथवा वह प्रेग्नेंट है, बच्चों को स्कूल भेजना है तो कहीं ना कहीं उसकी जॉब पर सीधा असर पड़ जाता है (News Portal / Blogs are one of the best option for Indian Women). पर जरा गौर कीजिए, अगर वह महिला आईटी से जुड़ी हुई है, अपना कोई पोर्टल चलाती है, कोई ब्लॉग मेंटेन करती है तो निश्चित रुप से वह अपनी जॉब या पैशन को कंटीन्यूअस जारी रख सकती है. महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम भी कुछ इसी कॉन्सेप्ट पर बनी हुई वेबसाइट है. महिला पत्रकार एवं संपादक के रूप में सक्रिय कुलीना कुमारी जी ने जब मुझसे कहा कि मुझे न्यूज पोर्टल बनवाना है, तब मैंने उनसे इस बात का ज़िक्र किया कि अगर उन्हें 'यूनिक कंटेंट' में विश्वास हो, तभी वह आगे बढ़ें! Hindi News Portal Making, Features and Support, Case Study of Mahila Adhikar Abhiyan Dot Com, Best News Portal Solution, Hindi News, Views, Article Website Making
इस पॉइंट के पीछे मेरा पुराना अनुभव ही था, जब कई लोग जोश-जोश में न्यूज-पोर्टल तो शुरू कर लेते हैं, किन्तु कंटेंट की ओर से उदासीन हो जाते हैं. फिर यहाँ-वहां से कॉपी-पेस्ट करके अपनी साइट का कबाड़ा कर लेते हैं और फिर बड़ी मासूमियत से पूछते हैं कि मिथिलेश जी! मेरी वेबसाइट में विजिटर क्यों नहीं आ रहे हैं अथवा मेरे वेबसाइट से कमाई क्यों नहीं हो रही है? अब मैं उनको यह भी नहीं कह सकता कि कॉपी-पेस्ट से वेबसाइट या न्यूज-पोर्टल नहीं चला करते हैं, बल्कि उसके लिए तन-मन और धन से लगकर एक-एक पाठक को जोड़ना पड़ता है, उसके सामने बढ़िया कंटेंट (Unique Content always matters) देना पड़ता है, तकनीकी बातों को समझना पड़ता है तो धीरे-धीरे कमाई के रास्ते भी खुलने लगते हैं. खैर, महिला अधिकार अभियान के सन्दर्भ में मैं खुशकिस्मत रहा कि इसकी ओनर कुलीना जी खुद बढ़िया लेखन तो करती ही हैं, साथ ही साथ 'यूनिक कंटेंट' की अहमियत भी बखूबी समझती हैं. फिर वेबसाइट के सन्दर्भ में मैंने उनको एक बढ़िया ऑप्शन देने की कोशिश की जो ऑपरेट करने में आसान हो, जिसकी लुक एंड फील कस्टमर से कनेक्टेड रह सके और जो तमाम डिवाइसेज मतलब मोबाइल, टेबलेट या डेस्कटॉप पर रिस्पॉन्सीव भी हो! Hindi News Portal Making, Features and Support, Case Study of Mahila Adhikar Abhiyan Dot Com, Best News Portal Solution, Hindi News, Views, Article Website Making
इससे बढ़कर चाहे क्रिएटिविटी तो नज़र आये ही, फिर ईमेगजीन का फीचर भी इसमें हो और वह सब इस सेगमेंट में मौजूद रहे, जो किसी न्यूज पोर्टल या हिंदी न्यूज पोर्टल में रहना चाहिए. मसलन सोशल मीडिया से कनेक्टिविटी, पोर्टल पर विज्ञापन का ऑप्शन डालना, ब्लॉग या वेबसाइट सब्सक्रिप्शन का ऑप्शन, कमेंट फॉर्म्स का होना इत्यादि. बताते चलें कि महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम नाम से कुलीना कुमारी जी अपनी पत्रिका भी चलाती हैं और यह संपादक महोदया लगातार प्रयासरत हैं कि किस प्रकार वेब पोर्टल के माध्यम से अपने पाठक तंत्र को तेजी से बढ़ाएं! इस न्यूज-पोर्टल में अगर सुविधाओं (Best News Portal Features in Lowest Costing) की बात करें तो वेबसाइट रिस्पॉन्सिबल होने के साथ-साथ तमाम तरह के एडवांस फीचर, मसलन सर्च-संबंधी सुविधाएं और कंटेंट इंगेजमेंट मेथड्स का बेहतर प्रयोग दिखेगा! मोटा-मोटी कहा जाए तो जो फीचर आपको किसी बड़ी न्यूज़ वेबसाइट मसलन दैनिक जागरण, अमर उजाला या दैनिक भास्कर में मिलेंगे, कमोबेश वही फैसिलिटीज आपको महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम में भी मिलेगा. हां बड़े घरानों की वेबसाइट के पास अधिकाधिक मैन पावर होती है, तो उनके पास संसाधन भी ज्यादे होते हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से कंटेंट ज्यादा रहता है. किंतु अगर कोई एक व्यक्ति ही ठान ले कि उसे अपने न्यूज पोर्टल को हिट करना है करना है, यूनिक कंटेंट लिखना है, पाठकों से रिलेशन बिल्ड-अप करना है तो कोई कारण नहीं कि वह अपने पोर्टल को एक नया आयाम ना दे सके! Hindi News Portal Making, Features and Support, Case Study of Mahila Adhikar Abhiyan Dot Com, Best News Portal Solution, Hindi News, Views, Article Website Making
बात जहाँ तक शोध और तकनीकी समस्याओं की है तो उसके लिए लगा रहता हूं कि किसी प्रकार की दिक्कत हमारे कस्टमर और उनके पाठकों को ना आए. हाँ, इसके लिए बेहतर कंटेंट की जिम्मेदारी खुद वेबसाइट-ओनर को ही लेनी पड़ती है. अगर जरूरी होता है तो अपने अनुभव से हम 'कंटेंट' के सम्बन्ध में सलाह जरूर देते हैं. तो फिर देखिए इस महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम (http://www.mahilaadhikarabhiyan.com) की वेबसाइट को और अपनी राय से हमें जरूर अवगत कराइए. साथ ही साथ कुलीना कुमारी को धन्यवाद देना न भूलियेगा कि अपने प्रयासों से वह समाज के सामने नित्य-प्रतिदिन अपने न्यूज/ व्यूज पोर्टल पर कुछ न कुछ नया देने का प्रयत्न करती रहेंगी!
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इससे बढ़कर चाहे क्रिएटिविटी तो नज़र आये ही, फिर ईमेगजीन का फीचर भी इसमें हो और वह सब इस सेगमेंट में मौजूद रहे, जो किसी न्यूज पोर्टल या हिंदी न्यूज पोर्टल में रहना चाहिए. मसलन सोशल मीडिया से कनेक्टिविटी, पोर्टल पर विज्ञापन का ऑप्शन डालना, ब्लॉग या वेबसाइट सब्सक्रिप्शन का ऑप्शन, कमेंट फॉर्म्स का होना इत्यादि. बताते चलें कि महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम नाम से कुलीना कुमारी जी अपनी पत्रिका भी चलाती हैं और यह संपादक महोदया लगातार प्रयासरत हैं कि किस प्रकार वेब पोर्टल के माध्यम से अपने पाठक तंत्र को तेजी से बढ़ाएं! इस न्यूज-पोर्टल में अगर सुविधाओं (Best News Portal Features in Lowest Costing) की बात करें तो वेबसाइट रिस्पॉन्सिबल होने के साथ-साथ तमाम तरह के एडवांस फीचर, मसलन सर्च-संबंधी सुविधाएं और कंटेंट इंगेजमेंट मेथड्स का बेहतर प्रयोग दिखेगा! मोटा-मोटी कहा जाए तो जो फीचर आपको किसी बड़ी न्यूज़ वेबसाइट मसलन दैनिक जागरण, अमर उजाला या दैनिक भास्कर में मिलेंगे, कमोबेश वही फैसिलिटीज आपको महिला अधिकार अभियान डॉट कॉम में भी मिलेगा. हां बड़े घरानों की वेबसाइट के पास अधिकाधिक मैन पावर होती है, तो उनके पास संसाधन भी ज्यादे होते हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से कंटेंट ज्यादा रहता है. किंतु अगर कोई एक व्यक्ति ही ठान ले कि उसे अपने न्यूज पोर्टल को हिट करना है करना है, यूनिक कंटेंट लिखना है, पाठकों से रिलेशन बिल्ड-अप करना है तो कोई कारण नहीं कि वह अपने पोर्टल को एक नया आयाम ना दे सके! Hindi News Portal Making, Features and Support, Case Study of Mahila Adhikar Abhiyan Dot Com, Best News Portal Solution, Hindi News, Views, Article Website Making
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अगर आप भी अपना न्यूज पोर्टल बनवाना चाहते हैं, तो इन सब फीचर्स का ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है. साथ ही साथ पोर्टल का बैकअप, सिक्योरिटी (Backup and Security of News Portal) देखा जाना उससे भी आवश्यक कार्य है. किसी अन्य सलाह के लिए मिथिलेश को मेल: [email protected] या कॉल: 9990089080 कर सकते हैं.
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- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
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