यह बात पूरे विश्वास के साथ कही जा सकती है कि ब्लॉगिंग आज के समय में एक फुल-टाइम कैरियर बनता जा रहा है. फुल टाइम कैरियर से मतलब यह है कि लोग घर बैठे-बैठे किसी विषय पर अपना ब्लॉग शुरू करके उससे कमाई की उम्मीद रखते हैं और उनकी वह उम्मीद पूरी भी होती है. इस संबंध में तमाम जानकारियां, तमाम रास्ते इंटरनेट पर मौजूद हैं. किन्तु समस्या तब आती है जब आप ब्लॉग शुरु करते हैं और उसके बारे में कुछ पुरानी धारणाएं मन में बसाकर आप सोचते हैं कि उन धारणाओं के बल पर आगे तक काम चल जाएगा! जी नहीं, आपको इस सम्बन्ध में लगातार समझने और जानकारी आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, लगातार अध्ययन (Regular study and Update) करने की आवश्यकता है. ब्लॉगिंग में जो एक बात आप को ध्यान रखनी चाहिए वह यह है कि अगर कुछ फंडामेंटल को छोड़ दिया जाए तो इसका कोई हार्ड एंड सॉफ्ट 'रूल्स-रेगुलेशन' फिक्स नहीं है, कि आप उतना फॉलो कर लें और बस मिल जाए सफलता! हां, अगर आप फंडामेंटली रॉन्ग हैं तो आप आगे बढ़ने की बजाय पीछे ही जाएंगे और अगर ब्लॉग से सम्बंधित आधारभूत बातें आपके मन-मस्तिष्क में क्लियर हैं तो आगे बढ़ने में सहायता अवश्य मिलेगी. बात जहाँ तक प्रोफेशनल ब्लॉगिंग की हैं तो अलग विषय के हिसाब से अलग तरीके की स्टडी और अलग तरीके का कंटेंट (Unique and Interesting Content Writing) पाठकों के लिए अनिवार्य रूप से आपको डिलीवरी करना पड़ेगा. जाहिर तौर पर इसके लिए कोई फिक्स फार्मूला नहीं हो सकता. उदाहरणार्थ अगर आप हेल्थ का ब्लॉग शुरू करते हैं तो उसके पाठकों की रुचि अलग किस्म की हो सकती है, जबकि किसी फ़ूड-ब्लॉग अथवा कैरियर-कंसल्टेंसी ब्लॉग बिलकुल अलग! इसलिए आपको अपने ब्लॉग की सफलता के कई नियम खुद ही बनाने पड़ते हैं और यह क्रम लगातार जारी रहता है. इसी क्रम में जब हम आगे बात करते हैं तो प्रश्न आता है कमाई का! जब हम ब्लॉग शुरू कर लेते हैं तो कहीं ना कहीं से आपके दिमाग में यह धारणा बैठ जाती है कि आप तुरंत पैसे कमा लेंगे, आप बहुत जल्दी ज्यादा पैसे कमा लेंगे! Blog and Blogging, Hindi Article, New, Fundamental for Blogger - 1
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इस मामले में थोड़ा ध्यान देने की आवश्यकता है. ब्लॉग पर फंडामेंटली कुछ बातों के अभाव में कई लोग परेशान हो जाते हैं, तो कई लोग गलत धारणाएं विकसित कर लेते हैं. गलत धारणाएं मतलब लोग समझ बैठते हैं कि अगर हम अधिक पोस्ट लिखेंगे तो अधिक पाठक आएंगे! सवाल अधिक पोस्ट का नहीं, बल्कि असल सवाल यहां उपयोगिता का है और यह बात हर एक ब्लॉगर को समझ में आ जानी चाहिए. आप इस बात को कुछ यूं समझ सकते हैं कि कोई लेखक कहानियां लिखता है, बल्कि कुछ लेखक तो ऐसे हैं (नए भी पुराने भी) जो हजारों कहानियां लिख डालते हैं. संयोग से उनकी कोई एक कहानी पॉपुलर होती है और उसी कहानी के बल पर वह अच्छी प्रसिद्धि हासिल कर लेते हैं, किसी एक किताब के बल पर वह छा जाते हैं. यही कुछ-कुछ आप ब्लॉगिंग के सीन में भी कर सकते हैं. आप ऐसी पोस्ट लिखें, जो लोगों को पसंद आए, लोकोपयोगी हो और लंबे समय तक उसका अभिप्राय नष्ट न हो (Writing best blog posts)! एक ही पोस्ट लिखें. कोई जरुरी नहीं है कि दिन में आप 10 पोस्ट ही करें, बल्कि क्वालिटी पोस्ट से पाठक बढ़ेंगे. विषय से रिलेटेड सशक्त पोस्ट ही आपको आगे बढ़ने में मदद करेगी. इसके अतिरिक्त अपने ब्लॉग को, अपनी ब्लाग पोस्ट को प्रमोट भी करना होगा और इसके लिए आप ईमेल न्यूजलेटर बनाएं, फेसबुक ग्रुप्स पर, फेसबुक प्रोफाइल पर, एफबी पेज पर जाएँ. साथ ही साथ दूसरे स्थापित ब्लॉगर के लिए गेस्ट पोस्ट लिखें. इस तरीके से आपके पास प्रमोशन करने का मजबूत रास्ता है. कभी भी यह न सोचें कि अपने आप आपकी रीडर्स कम्युनिटी (How to increase readers community) बन जाएगी और पाठक का अपने आप आपके ब्लॉग पर आएगा. बल्कि इस हेतु आपको प्रमोशंस करने ही होंगे! आगे हम बात करते हैं तो मामला आता है कमाई का, जो सीधे-सीधे पाठकों से जुड़ा हुआ है और पाठक आते हैं यूनिक और रुचिकर कंटेंट से! इसके लिए आपको पर्याप्त ध्यान रखना पड़ेगा. Blog and Blogging, Hindi Article, New, Fundamental for Blogger - 1
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जिस सेगमेंट में, जिस सब्जेक्ट से रिलेटेड आपका ब्लाग है उससे जुड़ी हुई जानकारियां गहराई से आपको हासिल करनी पड़ेगी और इस क्रम को लगातार जारी भी रखना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त, देखा जाए तो डिजाइंस पर भी आप को गौर करना पड़ेगा. जिस भी ब्लॉग हेतु डिजाइन बने, वह साफ सुथरी तो रहे ही, साथ ही साथ ऐसा भी रहे कि सरलता से कोई इंफॉर्मेशन दिख जाए. मेरा अनुभव कहता है कि अधिकांश ब्लॉग्स में बहुत ज्यादा क्रिएटिविटी ठीक नहीं होती, क्योंकि मामला यहां 'कंटेंट' का है, तो लाल-पीला-नीला और ऐसे ही ज्यादे रंग या बिना जरूरत की तस्वीरें ब्लॉग-पोस्ट को पढ़ने वाले को थोड़ा अजीब लग सकती है. इसी तरह ब्लॉग में प्रत्येक चीज स्टैण्डर्ड जगह पर ही रहे, जैसे एडवरटाइजमेंट प्रॉपर जगह पर हो, मीनू-आईकंस प्रॉपर जगह पर रहे, इमेजेस प्रॉपर जगह पर हों और निश्चित रुप से यह सारी चीजें स्थापित ब्लॉग्स के लिए अनिवार्य रूप से इस्तेमाल की जानी चाहिए. आपके ब्लॉग का मोबाइल रिस्पांसिवनेस होना (Responsive website making) अब बेहद आवश्यक है, क्योंकि मोबाइल पर पाठकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसके अतिरिक्त, ब्लॉग में अगर आप कांटेक्ट फॉर्म बनाते हैं, उसमें भी कुछ सावधानियां रखी जानी चाहिए, जैसे बहुत ज्यादा और नेसेसरी फील्ड्स इसमें न हों! क्योंकि ज्यादा जवाब देने से, ज्यादा जानकारी मांगने से कस्टमर इरिटेट (Don't irritate your readers) होते हैं. ऐसे ही अगर आप ध्यान रखते हैं कि आपका रीडर दुबारा आपकी वेबसाइट पर आये तो कहीं ना कहीं आपको रीडर-इंगेजमेंट को बढ़ावा देना होगा. ऑर्गेनिक ट्रैफिक पर भरोसा रखें, बैक लिंक से रेफरल ट्रैफिक लीजिए, सोशल मीडिया प्रमोशन कीजिए, ब्लॉग एग्रीगेटर का प्रयोग कीजिए और अपने ब्लॉग का बैकअप जरूर लीजिये! इसी क्रम में अगर ब्लॉग पर कोई पाठक कमेंट करता है तो अवश्य जवाब दीजिए. अगर इन पॉइंट्स को आप सहेज ले जाते हैं तो कोई कारण नहीं है कि आपका ब्लॉग धीरे-धीरे निश्चित ऊंचाई हासिल न कर ले!Blog and Blogging, Hindi Article, New, Fundamental for Blogger - 1
- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
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