यूं तो ऐतिहासिक काल से ही लोगों में कुश्ती करने और उस से बढ़कर कुश्ती देखने का शौक रहा है. वह चाहे भारत हो, या प्राचीन रोम साम्राज्य हो या कोई दूसरा राज्य, ऐतिहासिक काल से ही पहलवानों की आपसी लड़ाई देखना एक हकीकत रही है. हालाँकि, कई बार पहलवानों की महत्ता खेल के तौर पर तो कई बार युद्ध के महत्वपूर्ण सैनिकों के रूप में होती थी. ज्ञात इतिहास से भी पूर्व, यदि हम भगवान कृष्ण के काल की बात करते हैं तो कंस के दरबार में चारूण और मुष्टिक जैसे पहलवानों का वर्णन मिलता है, जिनका मुकाबला कृष्ण और उनके पराक्रमी भाई बलराम से हुआ था. हालाँकि, कुश्ती अब मनोरंजन का साधन ज्यादा हो गया है और इसकी बढ़ती मार्किट के मद्देनजर खिलाड़ियों के लिए यह एक फुल टाइम कैरियर हो गया है. डब्ल्यू डब्ल्यू ई (wwe) खिलाड़ियों को भला कौन नहीं जानता होगा, तो कौन सा ऐसा भारतीय होगा जो "द ग्रेट खली" द्वारा विदेशी पहलवानों की पिटाई देखकर रोमांचित नहीं होता होगा. निश्चित रूप से कुश्ती को लेकर और भी अधिक उत्सुकता जगी है, जो लगातार बढ़ती ही जा रही है. इसे लेकर एक बड़ा प्रोफेशनल मार्केट अगर उत्पन्न हुआ है, तो उसके लिए 2015 में शुरू हुए प्रो रेसलिंग लीग को इसकी क्रेडिट दी जा सकती है. इस श्रृंखला का पहला भाग 10 से 27 दिसंबर 2015 तक भारत के छह शहरों की टीमों के बीच खेला गया था, जिसमें दुनियाभर के सिक्सटी सिक्स पहलवानों ने हिस्सा लिया था. तब बेहद लोकप्रिय हुआ लोकप्रिय खेल का संस्करण और तब पहले संस्करण की विजेता मुंबई करुणा की टीम रही थी. थोड़ा तकनीकी बात करें तो इस खेल में छः टीमें होती हैं, और हर एक टीम में एक सेलिब्रिटी खिलाड़ी (आइकॉन प्लेयर) और आठ दूसरे खिलाड़ी होते हैं. नियमों के अनुसार हर टीम में पांच भारतीय एवं चार विदेशी खिलाड़ी होते हैं, तो पांच पुरुष व चार महिला खिलाड़ी का नियम भी है. Pro Wrestling League, Hindi Article, New, PWL 2, Season Two, Top Wrestlers, Pahalwan, Sports, Sakshi Malik, Gita Fogat
Pro Wrestling League, Hindi Article, New, PWL 2, Season Two, Top Wrestlers, Pahalwan, Sports, Sakshi Malik, Gita Fogat |
5 भार श्रेणियों, 57 किलोग्राम, 65 किलोग्राम, 74 किलोग्राम, 97 किलोग्राम और 125 किलोग्राम में खेला जाने वाला यह खेल बेहद जल्द लोकप्रिय हो गया है. इसकी सफलता के बाद अब बारी है प्रो रेसलिंग लीग के दूसरे सीजन की! इस बारे में आयोजकों का दावा है कि यह पिछली बार की तुलना में ज्यादा बड़ी और बेहतर ढंग से आयोजित होगी. पीडब्ल्यूएल, यानी पेशेवर कुश्ती लीग सीजन टू के शुरुआत की घोषणा कर दी गई है और बीते दिनों इस अवसर पर ओलंपिक कांस्य विजेता साक्षी मलिक सहित चोटी के पहलवान रैम्पवॉक करते हुए नजर आए. युवाओं की प्रेरणा बन चुकी साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें बेहतरीन पहलवान बनाने में लीग ने काफी मदद की है और इससे, युवा और प्रतिभाशाली भारतीयों को विश्व के चोटी के पहलवानों का सामना करने का मौका मिलता है, जिससे उनके खेल में बेहतर सुधार हुआ है. साक्षी के अलावा तीन अन्य ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त, स्वीडन की सोफिया मेडिसन और अजरबैजान की मारिया स्टैडनिक तथा कामनवेल्थ गेम्स के विजेता याना रैडिकन, गीता फोगाट और बबीता कुमारी भी रैंप पर उतरे. मशहूर पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा कि इस बार वह शायद भाग ना ले सकें, क्योंकि जनवरी में उनकी शादी होनी है, लेकिन कुछ मुकाबलों में वह जरूर खेलना चाहेंगे. जाहिर है कि वह चाहे लोकप्रिय खिलाड़ी हो या नया खिलाड़ी, हर एक को इस रेसलिंग लीग में जबरदस्त ढंग से रुचि रही है. Pro Wrestling League, Hindi Article, New, PWL 2, Season Two, Top Wrestlers, Pahalwan, Sports, Sakshi Malik, Gita Fogat, Popular Players
- यह भी पढ़ें: किरकिरी से बचना चाहिए 'बीसीसीआई' को
Pro Wrestling League, Hindi Article, New, PWL 2, Season Two, Top Wrestlers, Pahalwan, Sports, Sakshi Malik, Gita Fogat |
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने इस संदर्भ में कहा कि पीडब्ल्यूएल-2 में दुनिया के शीर्ष पहलवान शिरकत करेंगे. हालाँकि, पिछली बार भी दुनिया के टॉप रेसलर्स को बुलाया गया था, लेकिन वह ओलंपिक की तैयारियों में लगे थे और शायद इसीलिए नहीं आ पाए. डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष ने ईरान के पहलवानों का जिक्र भी किया, जिन्हें ने काफी दमदार माना जाता है. उम्मीद की जा रही है कि पीडब्ल्यूएल, यानी प्रो रेसलिंग लीग सीजन 2 के लिए नीलामी 15 या 16 नवंबर को होगी. अगर देखा जाए क्रिकेट के आईपीएल की तर्ज पर शुरू हुए तमाम तमाम दूसरे खेलों के प्रोफेशनल लीग ने नए खिलाड़ियों के सामने बेहतर संभावनाएं उत्पन्न की हैं. इस बात में दो राय नहीं है कि अगर देश में खेले जाने वाले प्रत्येक खेल से बेहतर खिलाड़ी आ रहे हैं तो उसके लिए प्रोफेशनल प्रबंधन को क्रेडिट जरूर दिया जाना चाहिए. हालाँकि, इस बीच खेल सिर्फ कुछ व्यावसायिक घरानों का बंधक बन कर न रहे, इसलिए सम्बंधित खेल संघों को नीलामी और व्यापारिक नियमों के सन्दर्भ में सजग रहना होगा. आखिर, क्रिकेट के आईपीएल में सट्टेबाजी और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन का एपिसोड कोई कैसे भूल सकता है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट को सीधा हस्तक्षेप करना पड़ा था और उस हस्तक्षेप का असर लोढा कमिटी और बीसीआई के टकराव के रूप में अभी तक सामने आ रहा है. पर जो भी, नकारात्मक विचारों को छोड़कर अभी कुश्ती का मजा लीजिये और भारत के विश्व-स्तरीय खिलाड़ियों का जबरदस्त ढंग से हौंसला बढाइये!
- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
ऑनलाइन खरीददारी से पहले किसी भी सामान की 'तुलना' जरूर करें
(Type & Search any product) ...
(Type & Search any product) ...
मिथिलेश के अन्य लेखों को यहाँ 'सर्च' करें...
( More than 1000 Hindi Articles !!) |
loading...
0 टिप्पणियाँ