अमेरिका जैसा सुपर पावर देश, जिसके जिम्मे न केवल अमेरिका का नीति-निर्माण कार्यक्रम होता है बल्कि विश्व भर के तमाम देशों की हलचल, वहां की राजनीति और कूटनीति पर भी उसे नज़र रखनी पड़ती है, अगर उस देश का राष्ट्रपति कोई बीमार शख्सियत वाला व्यक्ति हो जाए तो आने वाली स्थिति की सहज ही कल्पना की जा सकती है. यूं तो ट्रम्प के बीमार शख्सियत वाले पहलु पर तबसे ही चर्चा चल रही है, जबसे वह चुनाव लड़ने का मूड बना चुके थे, किन्तु अब एक तरह से साबित हो चुका है कि अमेरिका जैसे देश का राष्ट्रपति बनने की दौड़ में एक ऐसा व्यक्ति शामिल है जिसकी सोच दुनिया की आधी आबादी यानी 'महिलाओं' के लिए बेहद घटिया है. जी हाँ, डोनॉल्ड ट्रम्प का एक ऐसा ही विडियो सामने आया है और उस विडियो में नारी शक्ति के लिए उन्होंने जिस प्रकार के घटिया शब्दों का चयन किया है, उतना शायद गली-मोहल्ले के छिछोरे (Donald Trump, Hillary Clinton, USA Presidential Election, Hindi Article, Comment Against Women Empowerment, Trump is not well) भी नहीं करते होंगे! कहा जा सकता है कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की प्रचार मुहिम को वर्ष 2005 का उनका शर्मनाक वीडियो टेप सामने आने से बड़ा झटका लगा है जिसमें वह महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करते दिखाई दे रहे हैं. हालाँकि, इस सन्दर्भ में ट्रंप लोगों से माफी मांग चुके हैं, किन्तु लगता नहीं है कि उन्हें अमेरिका की तमाम महिला वोटर्स माफ़ी देने को तैयार होंगी. गौरतलब है कि ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के पास मौजूद वीडियो में ट्रंप रेडियो एवं टीवी प्रस्तोता बिली बुश के साथ बातचीत के दौरान महिलाओं के बारे में, बिना सहमति के महिलाओं को छूने और उनके साथ यौन संबंध बनाने के बारे में बेहद अश्लील टिप्पणियां करते दिखाई दे रहे हैं. यह भी दिलचस्प है कि इन टिप्पणियों पर मचे बवाल के बाद ट्रंप ने बेहद आसानी से कह डाला कि ‘यह लॉकर रूम में किया गया मजाक था. आगे उन्होंने यह भी कहा कि यह एक निजी बातचीत थी जो कई वर्ष पहले हुई थी. इसके जवाब में यही कहा जा सकता है कि ट्रम्प साहब! मात्र 10 साल पहले आप कोई बच्चे नहीं थे, जो आपकी सोच अब बदल गयी होगी.
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वैसे भी महिलाओं के बारे में इस तरह की शर्मनाक टिपण्णी आप ने पहली बार नहीं की है. इस मामले को ट्रम्प के विपक्ष में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने न केवल सफाई से लपका, बल्कि इन टिप्पणियों को लेकर ट्रंप पर निशाना साधते हुए कह भी डाला कि, ‘यह शर्मनाक है. हम ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति नहीं बनने दे सकते.’ वहीं, उपराष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के ही उम्मीदवार टिम केन ने भी कहा कि ‘इस प्रकार का व्यवहार घृणास्पद है, यह सुनकर मुझे घिन आती है.’ वास्तव में इस तरह की टिप्पणियों से घिन आनी ही चाहिए, किन्तु उससे भी ज्यादा घिन ट्रम्प की शख्सियत के लिए आनी चाहिए जो 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' का नारा देकर अमेरिकन्स को छलने को तैयार बैठे हैं. क्या वाकई में ट्रम्प की इस तरह की सोच ही अमेरिका को महान बनाती है? हालाँकि, ट्रंप ने आपने माफीनामे में भविष्य में एक बेहतर व्यक्ति बनने का संकल्प लिया और कहा कि वह कभी भी देशवासियों को नीचा नहीं दिखाएंगे, किन्तु समझा जा सकता है कि यह चुनाव में अपना समर्थन बचाये रखने की एक छद्म कोशिश भर है. वैसे भी डोनॉल्ड ट्रम्प अपने आपको बार-बार धूर्त साबित करने की कोशिश करते रहे हैं. बेशक वह टैक्स चोरी का मामला हो अथवा पूर्व में महिलाओं पर की गयी अभद्र टिप्पणियां ही क्यों न हों! अगर मान भी लें कि ट्रम्प खुद में सुधार करेंगे, तो भी अमेरिका जैसे सुपर पावर कंट्री की कमान किसी नौसिखिये के हाथ में नहीं दी जा सकती है. उनके विरोधियों में प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पॉल रयान ने एक बयान में कहा है कि महिलाओं के बारे में ट्रंप की 2005 की टिप्पणियों से उन्हें घृणा हो रही है. पॉल रयान ने अपने बयान में ‘महिलाओं को एक वस्तु या देह के रूप में नहीं देखे जाने की अपील करते हुए कहा कि वे आगे बढ़ाए जाने एवं सम्मान के योग्य हैं.’
खुद डोनॉल्ड ट्रंप की पार्टी के प्रमुख रींसे प्रीबस ने भी कहा कि ‘किसी भी महिला के बारे में इन शब्दों में या इस प्रकार से बात नहीं की जा सकती, कभी नहीं.’ इसी सम्बन्ध में सीनेटर जॉन मैकेन ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप की इन अपमानजनक टिप्पणियों को किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता, किसी भी महिला के साथ ऐसा अनुचित व्यवहार नहीं होना चाहिए. ट्रम्प के हालिया बयान से हटकर अगर उनके दूसरे बयान पर भी गौर किया जाए तो आतंकियों की आड़ लेकर सभी मुसलमानों के खिलाफ लगातार नफरत वाली टिप्पणियां, अमेरिका के जापान और उत्तर कोरिया जैसे महत्वपूर्ण साझेदारों को अपना परमाणु बम बनाने के लिए उकसाना, मैक्सिको से अमेरिका की लगती सीमा को सील करने का अव्यवहारिक बयान एवं नस्ली टिप्पणियां ट्रम्प की शख्सियत को बीमार साबित (Donald Trump, Hillary Clinton, USA Presidential Election, Hindi Article, Comment Against Women Empowerment, Trump is not well) करने के लिए पर्याप्त, बहुत पर्याप्त है. हालाँकि, इसके विपरीत यह भी सच है कि इस्लामिक आतंकियों द्वारा उत्पन्न वैश्विक खौफ को डोनॉल्ड ट्रम्प ने अपने चुनावी अभियान की खातिर बखूबी भुनाया है और इसी वजह से उन्हें लोकप्रियता भी मिली है. परंतु, समय बीतने पर जैसे-जैसे ट्रम्प की जुबान खुली, उनकी अस्पष्ट और शर्मनाक सोचे सामने आती चली गयी. ऐसे में बड़ा प्रश्न खड़ा हो चुका है कि अगर अमेरिका का राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प जैसी शख्सियत बन गया तो क्या होगा? इसके उत्तर में अमेरिका के अत्यंत लोकप्रिय लेखक डगलस कैनेडी का बयान उद्धृत किया जा सकता है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के जीतने की कोई संभावना नहीं है लेकिन अगर वह जीत जाते हैं तो अमेरिका के मुसोलिनी साबित होंगे. वाकई ट्रम्प के जीतने के बाद के परिणामों की भयावह भविष्यवाणी कर डाली है कैनेडी ने, पर उनकी भविष्यवाणी सच के बेहद करीब लगती है.
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कैनेडी ने कहा है कि ‘वे महिलाविरोधी और मानवविरोधी हैं, जबकि उनका अहंकार कनाडा के आकार से भी ज्यादा बड़ा है, उनकी कोई संस्कृति नहीं है, ना ही वे कभी पढ़ते हैं, इसलिए अगर वे चुने जाते हैं तो अमेरिकी मुसोलिनी साबित होंगे.’ जाहिर तौर पर ट्रम्प को मिल रहे नकारात्मक कमेंट से डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन बेहद खुश होंगी, किन्तु अमेरिकी वोटर्स की निर्णय क्षमता पर भरोसा करने के अतिरिक्त हिलेरी को अपनी प्रतिभा साबित करना ही पड़ेगा, अन्यथा डोनॉल्ड ट्रम्प जैसों के राष्ट्रपति बनने की सर्वाधिक दोषी वह भी होंगी. निश्चित रूप से हिलेरी को अमेरिकी वोटर्स के सामने खुद को सक्षम साबित करने की आवश्यकता है, तभी वह चुनाव जीत सकती हैं. कहीं ऐसा न हो कि वह अमेरिकन्स से सिर्फ इसी आधार पर वोट मांगे, क्योंकि ट्रम्प नकारात्मक हैं. इस बात में दो राय नहीं है कि ट्रम्प अब तक एक बीमार शख्सियत के रूप में खुद को साबित कर चुके हैं, बस देर है तो इस बात की, जब हिलेरी क्लिंटन अमेरिकन्स वोटर्स के बीच खुद को सक्षम साबित कर सकें!
- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.
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