नए लेख

6/recent/ticker-posts

Ad Code

दिल्ली एमसीडी में कांग्रेस की वापसी तो 'आप', 'भाजपा' को निराशा! Delhi MCD By poll election 2016, Result analysis in Hindi, Mithilesh

*लेख के लिए नीचे स्क्रॉल करें...


दिल्ली एमसीडी चुनाव के परिणाम, आज 17 मई को 11 बजे तक घोषित हो चुके हैं और यह परिणाम सिर्फ एक बात की गवाही दे रहे हैं कि कांग्रेस के भीतर अभी काफी दम खम बाकी है और वह आने वाले दिनों में अरविन्द केजरीवाल और भाजपाइयों को 'वॉक ओवर' नहीं देने वाली! आखिर, कल तक दिल्ली से 'सूपड़ा साफ़' करा चुकी 'कांग्रेस' से किसने उम्मीद लगाई होगी कि वह 13 में से 4 सीटों पर कब्ज़ा कर लेगी और भाजपा को 1 सीट पीछे छोड़ देगी तो सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से मात्र 1 सीट पीछे ही रहेगी! दिल्ली MCD के चुनाव नतीजों की धमक सिर्फ इसी केंद्रशासित राज्य तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका प्रतीकात्मक प्रभाव दूर तलक जायेगा. 13 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे में 'आप' ने जहाँ पांच सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं भाजपा के लिए मात्र 3 सीटों के साथ यह करारा झटका जैसा ही है, तो कांग्रेस ने आने वाले दिनों में मुकाबला त्रिकोणीय बनाने की एक तरह से मुनादी ही कर दी है. एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में भी गई है, तो विश्लेषक कांग्रेस की दिल्ली में वापसी के संकेत स्पष्ट रूप से देख रहे हैं. हालांकि, 8 सीटों पर भाजपा दूसरे स्थान पर रही है, जिसको वह अपने पक्ष में दलील मान सकती है. यह भी आश्चर्य ही है कि एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को 34 फीसद से ज्यादा वोट मिले हैं, लेकिन सीटों के मामले में उसका पिछड़ना कहीं न कहीं भीतरघात का संकेत भी करता ही है. वहीं 'आप' को भी लगभग 30 फीसद लोगों ने ही वोट किया है, जो पिछले विधानसभा में मिली उसकी जबरदस्त लोकप्रियता में बड़ी गिरावट का संकेत भी देती है.

हाँ, कांग्रेस को 25 फीसद के आसपास वोट मिले हैं, जिसे वह अपने लिए संजीवनी मान रही है. कांग्रेस के लिए यह संकेत भी सुखद है कि केजरीवाल की पार्टी से 5 फीसद और भाजपा से 9 फीसद कम वोट हासिल करने के बावजूद, वह एक तिहाई सीट हासिल करने में कामयाब रही है, जो उसकी बेहतर रणनीतियों, पार्टी की एकता और चुनावी समीकरणों का सही तालमेल होने की ओर इशारा करता है. जाहिर है, मुसीबत में तमाम कांग्रेसी गुट ध्वस्त होकर एक निशाँ के नीचे कार्य करते मिले हैं, जिसका फायदा उन्हें इस चुनाव में जबरदस्त ढंग से मिला है. इसके अलावा, लगभग 0.76 फीसद लोगों ने नोटा का भी प्रयोग किया है, जिसे एक बड़ी संख्या माना जा सकता है राजनीति और वर्तमान उम्मीदवारों के प्रति लोगों की कम दिलचस्पी का. यदि सीटों का क्रमवार आंकड़ा देखें तो, शालीमार बाग सीट से भाजपा के उम्मीदवार बीएम भंडारी ने 1451 मतों से जीत हासिल की है, वहीं मटियाला सीट पर 'आप' उम्मीदवार रमेश जीते हैं. कमरुद्दीन सीट पर कांग्रेस को सफलता मिली है, जहाँ से अशोक भरद्वाज ने जीत हासिल की है, तो झिलमिल वार्ड से भी कांग्रेस उम्मीदवार पंकज लूथरा ने 2419 मतों के अंतर से जीत हासिल करने में सफलता हासिल की है. पश्चिमी दिल्ली के नवादा सीट से भाजपा के कृष्ण गहलोत जीते हैं और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार को 4843 मतों से हराया है. इस सीट से भाजपा की बड़ी जीत इसलिए भी मानी जा सकती है, क्योंकि भाजपा के ही एक अन्य प्रभावशाली उम्मीदवार ने निर्दलीय परचा दाखिल कर दिया था, जिसका पंजाबी समुदाय में ठीक ठाक प्रभाव भी बताया जा रहा था. सीटों की गणित में बल्लीमारान सीट से 'आप' उम्मीदवार सादिक ने निर्दलीय प्रत्याशी मोहम्मद कज़्ज़फ़ी को 1938 वोट से हराया, तो खिचड़ीपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार आनंद कुमार ने जीत हासिल की है, जिसकी खबर निश्चित रूप से कांग्रेसी आलाकमान तक भी पहुंची ही होगी. आखिर, कहीं से तो कांग्रेस के लिए शुभ समाचार आया.

इसी कड़ी में, वजीरपुर वार्ड 67 से भाजपा के महेंद्र नागपाल जीत गए हैं, जिन्होंने 'आप' के सचिन सिंघल को 3608 वोट से हराया. विकास नगर से 'आप' प्रत्याशी अशोक कुमार ने भाजपा के सुनील जिंदल को 1120 वोट से हराया है तो भाटी वार्ड से निर्दलीय उम्मीदवार एडवोकेट राजेंद्र तंवर ने जीत हासिल की है. 2017 में आने वाले एमसीडी चुनावों के लिए निश्चित रूप से भाजपा और 'आप' दोनों की ही मुसीबतें बढ़ जाएँगी, क्योंकि अब तक ये दोनों कांग्रेस को मुकाबले में मान ही नहीं रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने सीट और वोट पर्सेंटेज दोनों ही हासिल करके दिखा दिया है कि उसे हलके में लेने का ख़ामियाजा भुगतना पड़ सकता है. आम आदमी पार्टी के लिए इस बात का सीधा सन्देश है कि उसकी लोकप्रियता में बड़ी सेंध लग चुकी है, क्योंकि विधानसभा में 55 फीसदी वोट हासिल करने वाली पार्टी की नीतियों के कारण 25 फीसदी जनता उसका साथ छोड़ चुकी है, जो आने वाले दिनों में और भी कम हो सकती है. सबसे महत्वपूर्ण सन्देश भारतीय जनता पार्टी के लिए है, क्योंकि वोट पर्सेंटेज में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद, 'आप' और कांग्रेस में वोट बाँटने के बावजूद वह फिसड्डी क्यों रह गयी है? यह उसके लिए आत्म-मंथन का समय है, जो टिकट-बंटवारे में धांधली, भीतरघात, गुटबाजी और जनता तक कम पहुँच की बात को सीधे तौर पर बतलाता है. अगर भाजपा इस परिणामों से सबक नहीं लेती है तो उसके लिए आने वाले दिन दिल्ली में और भी बुरे हो सकते हैं, इस बात में दो राय नहीं!
MCD By poll election 2016, Result analysis in Hindi, Mithilesh
यदि आपको मेरा लेख पसंद आया तो...
f - फेसबुक पर 'लाइक' करें !!
t - ट्विटर पर 'फॉलो'' करें !!

Breaking news hindi articles, Latest News articles in Hindi, News articles on Indian Politics, Free social articles for magazines and Newspapers, Current affair hindi article, Narendra Modi par Hindi Lekh, Foreign Policy recent article, Hire a Hindi Writer, Unique content writer in Hindi, Delhi based Hindi Lekhak Patrakar, How to writer a Hindi Article, top article website, best hindi article blog, Indian blogging, Hindi Blog, Hindi website content, technical hindi content writer, Hindi author, Hindi Blogger, Top Blog in India, Hindi news portal articles, publish hindi article free, Delhi MCD ,   Municipal Corporation of Delhi ,   Delhi MCD Election ,   BJP ,   Congress ,   Delhi BJP President ,   Satish Upadhyay ,   Delhi Congress president ,   AAP government ,   MCD result analysis ,   Congress party , MCD analysis, byelections, counting, aap, congress, bjp, win, loss, detail analysis of mcd by polls 2016

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ