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- आपको शायद एहसास न हो, किन्तु जो सब्जियाँ हम खाते हैं, उसमें कितना ज़हर है, इसे स्वयं ही गूगल कर लीजिये
- वेजिटेबल गार्डनिंग से आप नेचर के करीब भी रहेंगे, और आपको लगातार इससे सब्जियां भी प्राप्त होती रहेंगी
- हम कंक्रीट के जंगल में ही तो रहते हैं, और ऐसे में प्रकृति के पास जाने का सबसे बड़ा सहारा है गार्डनिंग
पेड़ पौधों से जुड़ना किसे अच्छा नहीं लगता!
संभवतः इस सृष्टि में प्रकृति ही एकमात्र ऐसा एहसास है, जो हर किसी को प्रसन्नचित्त कर देता है। आज के भौतिक युग में भी आपको एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिलेगा, जिसे पेड़ पौधों, हरियाली, ग्रीनरी, गार्डन के आसपास रहने की इच्छा ना होती हो। किंतु हाय रे इच्छा! नेचर के पास रहने की इच्छा भला कितनों की पूरी हो रही है?
वास्तव में प्रकृति के नजदीक रहने की हमारी इच्छा पर सबसे बड़ा कुठाराघात किया है शहरीकरण ने।
जी हां! जैसे जैसे शहर बनते गए हैं, बढ़ते गए हैं, वैसे वैसे पेड़ कटते गए हैं, और मनुष्य नेचर से दूर होता चला गया है। अब इसे आप चाहे अंधी दौड़ कहें, चाहें लोगों की आर्थिक मजबूरी, कि शहरों में आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
खैर शहरीकरण के और भी बहुत सारे पक्ष हैं, किंतु एक बात तय है कि लोगों को इसने नेचर से कहीं ना कहीं दूर कर दिया है।
दिल्ली में मेरे आवास पर एक बार मेरे ससुर जी आए थे, और गांव में रहने वाले ससुर जी जब टेरेस पर जाते थे, तो उनसे चारों तरफ मकान ही मकान देखना उबाऊ सा लगता था. यह तकरीबन 10 वर्ष पहले की बात है, और तब उन्होंने मुझे कहा था कि यह तो कंक्रीट का जंगल है। जी हां! हम कंक्रीट के जंगल में ही तो रहते हैं, और ऐसे में प्रकृति के पास जाने का सबसे बड़ा सहारा है गार्डनिंग।
ऐसे में फूल पौधे जितने अधिक से अधिक हम लगा सकते हैं, उतने अधिक से अधिक हमें लगाने चाहिए।
कुछ लोग ऐसा करते भी हैं, परंतु फिर वही मजबूरी आड़े आ जाती है, कि मनुष्य के पास समय नहीं है, खासकर शहरी मनुष्य के पास। हालांकि कई लोग प्रयास कर रहे हैं, और गार्डनिंग के रूप में फूल पौधे लगा लेते हैं। कम समय की बात छोड़ भी दी जाए, तो भी आर्थिक दृष्टि से आधुनिक मानव का मन सोचता है कि फूल पौधों से आखिर फायदा ही क्या है? आखिर उसमें इन्वेस्टमेंट भी लगती ही जाती है, और मिलता तो कुछ है नहीं!
ऐसे में फूल -पौधे कुछ समय तक तो अच्छे लगते हैं, फिर जल्दी उसका आकर्षण कम होने लगता है और धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है। ऐसी अवस्था में अगर यह कहा जाए कि आप इस प्रकार से भी गार्डनिंग कर सकते हैं, जिसमें आपका गार्डनिंग का शौक भी नहीं मरेगा और आपको बहुत कुछ प्राप्त भी होगा।
जी हां! इसी क्षेत्र में वेज रूफ के माध्यम से हम ऐसे ही अभियान को बल दे रहे हैं, जिसमें वेजिटेबल गार्डनिंग पर पूरा फोकस है। वेजिटेबल गार्डनिंग से आप नेचर के करीब भी रहेंगे, और आपको लगातार इससे सब्जियां भी प्राप्त होती रहेंगी, जिससे आपका आर्थिक पक्ष भी संतुलित रहेगा। ऐसे में आकर्षण कभी कम नहीं होगा और आप लगातार गार्डनिंग के लिए प्रेरित होते रहेंगे।
यह समझना आवश्यक है कि प्रत्येक घरों में, प्रतिदिन जो सब्जी बनती है, उस सब्जी के ऊपर दर्जनों प्रकार के घातक केमिकल का छिड़काव हुआ रहता है। जो सब्ज़ी हम खाते हैं, उस पर पेस्टिसाइड और दूसरे केमिकल्स का छिड़काव इतना घातक होता है कि यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है। यकीन न हो तो आप गूगल करके स्वयं ही देख लीजिए।
जो लौकी आप खाते हैं, उसमें, जो करेला आप खाते हैं उसमें, या फिर जो बैंगन आप खाते हैं उसमें किस प्रकार के केमिकल का छिड़काव हुआ है, यहाँ तक कि इंजेक्शन के माध्यम से सब्जियों में केमिकल की मात्र घुसेड़ी जाती है, इसकी हम और आप कल्पना नहीं कर सकते।
मैंने जब अपने अपने छत पर सब्जी उगाने की शुरुआत की, तो इस दिशा में ढेर सारी इनोवेशन की, काफी रिसर्च किया। मार्केट में घूमते समय ऐसी ऐसी जानकारी मिली जिसे सुनकर मैं स्वयं भी दंग रह गया। इस इंडस्ट्री से जुड़े कई लोगों ने सुझाव दिया कि आप अमुक दवाई अगर डाल देंगे तो आपकी सब्जियां 20 दिन की बजाय 4 दिन में ही तैयार हो जाएँगी।
वास्तव में प्रॉफिट की अंधी दौड़ में कईयों के लिए शायद यह संभव भी नहीं है कि कोई दूसरा व्यक्ति आपको अच्छी चीज भेज सके। ऐसे में आपको स्वयं प्रयास करना होगा। हां! यह बात सत्य है कि शहरों में जगह की कमी है, किंतु हमारा आपका दिमाग बहुत अच्छी आईडिया सोच सकता है, तो पाइप में सब्जी उगाने से आप शुरुआत कर सकते हैं। और ऐसा ही हमने किया है।
जी हाँ! पाइप में सब्ज़ी उगाना बेहद आसान है।
आप यह समझ लीजिए कि पीवीसी पाइप में एक गमला रखने जितनी जगह में ही आप 10 या उससे अधिक पौधे उगा सकते हैं, और हमारा यह प्रयोग शहरी लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
बहुत सारे लोग इससे लाभ ले रहे हैं, और वेज रूफ के यूट्यूब चैनल पर जाकर आप देखेंगे तो समझ पाएंगे कि इस इनोवेशन के बारे में लोगों के मन में असीमित उत्साह है। पाइप में पानी कैसे जायेगा, सीधा खड़ा कैसे रहेगा, उसमें आर्गेनिक खाद कैसे डालेंगे इत्यादि तमाम विषयों पर हमने गहराई से कार्य किया है, और अब तक के परिणाम उत्साह बढाने वाले रहे हैं।
वास्तव में इनोवेशन से ही यह दुनिया आगे बढ़ी है। नई आइडियाज, नई टेक्नोलॉजी, नई सोच से हम क्या कुछ नहीं कर सकते हैं?
आप कल्पना कीजिए कि अगर दिल्ली या किसी दूसरे बड़े शहर में जितने छत हैं, अगर सभी छतों पर लोग सब्जियां उगाने लगें, जो कि बहुत ही आसान है, तो यह दिल्ली कंक्रीट का जंगल नहीं रह जाएगी, बल्कि यह दिल्ली किसी प्राकृतिक जंगल की तरह ही दिखेगी। वह जंगल जिसे हर मनुष्य ने खुद उगाया होगा, वह जंगल जिससे प्रत्येक व्यक्ति को सब्जी मिल रही होगी, और वह सब्जी पूरी तरह से शुद्ध होगी, क्योंकि इसे उस व्यक्ति ने स्वयं ही, स्वयं के लिए ही उगाया है।
और दिल्ली ही क्यों, हर शहर में पीवीसी पाइप में सब्जी उगाना आसान है, परिवार के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए वरदान है।
ऐसे में शुरुआत करने वालों के लिए गार्डनिंग सीखने का प्रोसेस हमने बेहद ही आसान बनाया है। आप इंटरनेट और अन्य गार्डनर की चीजें भी देख सकते हैं, किंतु वेज रूफ पर स्टेप बाय स्टेप कहां से शुरू करना है, किस सीजन में क्या करना है, आदि हमारे यूट्यूब चैनल पर हम बारीकी से जानकारी देते हैं। इसके अलावा अगर पाइप में सब्जी उगाने में आपको कहीं कोई समस्या आ रही है, तो आप उसे सीख सकते हैं, कर सकते हैं, या आप हमारी सहायता भी ले सकते हैं।
हमारे अपने एसोसिएट्स के माध्यम से आप तक रेडी टू यूज सलूशन को पहुंचा सकते हैं, किंतु मुख्य बात यह है कि क्या धैर्य के साथ आप इसे करने के लिए तैयार हैं ?
दिल्ली गवर्नमेंट भी अर्बन फार्मिंग योजना ला रही है, और यह योजना निश्चित रूप से कई लोगों के लिए क्रांतिकारी साबित होने वाली है। तो अपनी छत पर सब्जियाँ उगाने के लिए आप भी कमर कस लीजिये, अपनी हेल्थ के साथ-साथ अपनी पूरी फैमिली के हेल्थ को एक सकारात्मक विकल्प आप आसानी से दे सकते हैं।
एक बात और स्पष्ट करना आवश्यक है, कि सब्जियां सिर्फ छत के ऊपर ही नहीं उगाई जा सकती हैं, बल्कि छोटी बालकनी में भी पीवीसी पाइप्स रखकर सब्जियों का एक निश्चित मात्रा में ही सही, आप उत्पादन कर सकते हैं।
अगर आपने गंभीरता से ध्यान दिया तो, छत पर आप को इस्तेमाल की जाने वाली सब्जियों का 70% से 90% तक सब्जियां खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, किंतु आप अपनी बालकनी में भी अपने यूज का 40% से 50% हरी सब्जियों की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।
- आप हमारे यूट्यूब चैनल से ज़रूर जुड़िये, जिसका लिंक है: youtube.com/VegRoof
- वेबसाइट: vegroof.com
- आप हमारी व्हाट्सएप कम्युनिटी से भी जुड़ सकते हैं और शहरों में किस प्रकार पीवीसी पाइप में सब्जियां उगाई जाएं, इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं: bit.ly/vegroof2022
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