नए लेख

6/recent/ticker-posts

Ad Code

'चीनी मांझा' ही नहीं, दूसरे 'चीनी सामान' भी हैं खतरनाक, करना होगा विरोध! Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread



15 अगस्त को मनाया जाने वाला आज़ादी का जश्न हम सबने खूब जोश-ओ-खरोश से मनाया, तो इस दिन 'पतंगबाजी' में 'चीनी मांझे' के घातक प्रयोग पर प्रशासन और आम जनमानस की लापरवाही के नतीजे भयावह आंकड़ों के रूप में दिखने लगे हैं. जी हाँ, 15 अगस्त को होने वाली पतंगबाज़ी में इस बार तीन लोगों ने अपनी जान गवाईं, जिसमें दो मासूम और एक युवक शामिल है, जबकि एक पुलिस वाले के घायल होने की भी खबर आयी है. 'चीनी मांझे' से पहले भी खतरे की बातें सामने आती रही हैं, किन्तु दिल्ली प्रशासन (Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, Delhi Government) इस बाबत अनजानों जैसा व्यवहार करने लगा है, बल्कि लोगों की जान जाने पर एक बार फिर  दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार और एलजी नजीब जंग के बीच तू तू, मैं मैं होने लगी है. हालाँकि अब दिल्ली सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन सवाल उठता है कि ऐसे कदम पहले क्यों नहीं उठाये जाते हैं. आखिर, लोगों की जान जाने के बाद ही सरकार क्यों सुध लेती है, जबकि उसे पहले ही सजगता बरतनी चाहिए! जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, पर्यावरण सचिव चन्द्राकर भारती द्वारा जारी मसौदा अधिसूचना में सिर्फ धातु या शीशे से मुक्त कपास के बने धागे और प्राकृतिक धागे से पतंग उडाने की इजाजत दी गयी है. इसके अनुसार निर्देशों के उल्लंघन पर पांच साल तक की कैद की सजा या एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों का प्रावधान है. 

इसे भी पढ़ें: चीन द्वारा 'एनपीटी' एवं अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन की अनदेखी है खतरनाक! 

Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread, Buycott Made in China
देरी से जारी अधिसूचना पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का कहना है कि 'पर्यावरण सचिव द्वारा अधिसूचना जारी करने में सात दिन की देरी की गई जिसकी वजह से समय से करवाई नही हो पायी. इसी के साथ सिसोदिया ने एलजी पर फिर से ठीकरा फोड़ दिया कि 'दरअसल  दिल्ली सरकार में अफसर मंत्रियों की नहीं बल्कि सीधे 'एलजी' की सुनते हैं. अब इस मामले में कितनी सच्चाई है, क्योंकि कई बार तो आम आदमी पार्टी की सरकार अख़बारों में पूरे पूरे पेज के विज्ञापन लगाकर जागृति लाने की बात कहती है, किन्तु इस बार 15 अगस्त के दिन उसकी ओर से लोगों को सावधान करने के क्या प्रयास किये गए, इस बात का डिप्टी सीएम (Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread, Delhi CM and Deputy CM) एवं विपासना करके लौटे दिल्ली के देश भर में चर्चित सीएम को अवश्य ही जवाब देना चाहिए. सिर्फ यह कहकर पल्ला नहीं झाड़ा जा सकता है कि 'एलजी' काम नहीं करने दे रहे हैं, अफसर सुन नहीं रहे हैं. यह बात ठीक है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार के सभी अफसर और कर्मचारी एलजी के तहत ही काम करते हैं, किन्तु इसका मतलब यह कैसे निकाल लिया गया कि दिल्ली सरकार की जिम्मेदारियां समाप्त हो गयी हैं? यदि सच में ऐसा है तो आम आदमी पार्टी को सरकार से हट जाना चाहिए, अन्यथा वह अगर कुर्सी पर बैठे हैं तो उनकी जवाबदेही तो होगी ही! इस सम्बन्ध में 'एलजी ऑफिस' का कहना है कि उन्होंने 8 अगस्त को ही मसौदा पास कर दिया था और फाइल 9 अगस्त को सरकार को भेज दिया था. अब ऐसे में बीच में कहाँ गैप हुआ, यह दिल्ली प्रशासन से जुड़े लोगों को अवश्य ढूंढना चाहिए. 


इसे भी पढ़ें: नशे में 'डूबती दिल्ली' और 'नशामुक्त पंजाब' का नारा!

Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread, Kejriwal, Sisodia, LG fighting
खैर, केजरीवाल सरकार और एलजी  के बीच की जंग नयी नहीं है, किन्तु ये तो सभी जानते हैं कि हमारे बाजार 'चीनी सामानों' से भरे पड़े हैं और 'चाइनीज़ सामान' कैसे होते हैं. सबसे बड़ी बात कि त्यौहार हमारे होते हैं और सामान चीन के होते हैं, फिर भी सरकार हाथ पर हाथ धरे तमाशा देखती है, तो लोगबाग भी चीनी सामानों की खरीदारी से बाज नहीं आते हैं. जब हमारे यहाँ होली आती है तो चाइनीज रंग -गुलाल, मिठाईंया और पिचकारियों से सारा बाजार सज पट है और सरकार-प्रशासन की आँखों के सामने चीन में बनी जहरीली चीजें आराम से बिकती हैं. ऐसे ही दिवाली पर चीनी दिए और झालर (Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, Holi, Diwali and China ke saaman) बे रोक-टोक बिकते हैं. और तो और पूरे साल दुकानों पर खतरनाक चीनी खिलौनों को बिकने से रोकने वाला कोई नहीं है. हद तो तब हो जाती है, जब देश की आज़ादी का जश्न भी हम चीनी पतंग और मांझों के साथ मनाते हैं. क्या वाकई हमें 'चीनी सामानों' की क्वालिटी नहीं पता है? क्वालिटी छोड़ भी दें, तब भी चीनी सामानों से हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक असर को भला कौन नहीं जानता है, फिर भी 'चीनी सामानों' को खरीदकर हम अपनी देशभक्ति की भावना की ऐसी-तैसी करते हैं तो अपने स्वास्थ्य और कई बार अपनी जान से भी हाथ धो बैठते हैं. एनएसजी से लेकर हर क्षेत्र में चीन लगातार भारत के रास्ते में रुकावट पैदा करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है और हमारे दुश्मनों को बढ़ावा दे रहा है और हम हैं कि उनके सामानों को खरीदकर उन्हें और अमीर बना रहे हैं. 

इसे भी पढ़ें: चीन की 'आत्मघाती रणनीति' को चेतावनी! 

Chinese goods banned, Indian goods, Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread
आखिर, इन मुद्दों को जनता समझती तो है, पर वह जागरूक कब होगी? कब वह 'चीनी सामानों' का वहिष्कार करेगी? सरकार और दुकानदार तो अपना ज़मीर बेच ही चुके हैं, किन्तु सामान  खरीदने वाले तो हम लोग ही हैं और हमें यह बात याद रखनी होगी कि हर 'चीनी सामान हमारे लिए हर प्रकार से खतरनाक है'. थ्योरी में भी और प्रैक्टिकल रूप में भी! अगर हम मुद्दे की बात करें तो ये पहली बार तो नहीं है कि दिल्ली में पतंग बाजी हो रही है और पहली बार चीन से मांझे आये हों, पिछले साल भी चीनी मांझों (Hindi Article, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread) की बात जोर शोर से उठी थी. ऐसे ही कुछ दिन पहले ही दिल्ली - नोएडा हाइवे पर एक बाइक सवार की जान चली गयी पतंग के मांझे की वजह से. फिर क्यों ऐन वक़्त पर दिल्ली सरकार को मसौदे की याद आयी, जबकि इसकी तैयारी तो एक डेढ़ महीने पहले ही पूरी कर लेनी चाहिए थी. न केवल दिल्ली सरकार, बल्कि दूसरी सरकारों के साथ बेचने वालों और खरीदने वाले भारतीय नागरिकों को इस सम्बन्ध में हमेशा सचेत रहना होगा, अन्यथा चीन हमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से नुक्सान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है और हम अपनी आँखें मूंदे बैठे हैं. आखिर कब तक यह अंधेरगर्दी चलेगी, कब तक, कब तक ????

- मिथिलेश कुमार सिंह, नई दिल्ली.




ऑनलाइन खरीददारी से पहले किसी भी सामान की 'तुलना' जरूर करें 
(Type & Search any product) ...


Chinese goods banned, Indian goods, Economy, Bad China, 15 August, Flying Kites, Manjha Thread, Hindi Article, editorial, China, Indo China relations, Holi, Diwali, Deepawali, Indian Festivals, Market strategy
मिथिलेश  के अन्य लेखों को यहाँ 'सर्च' करें...
(
More than 1000 Hindi Articles !!)


loading...

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ