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विराट! नाम ही काफी है... Hindi article on Virat Kohli and Team India, mithilesh2020

विराट कोहली का नाम ही काफी है. जिस देश में क्रिकेट धर्म की तरह पूजा जाता हो, वहां भगवान का होना तो स्वाभाविक ही है. तो क्रिकेट की दुनिया के नया भगवान विराट कोहली ही हैं, जिस पर तमाम नए पुराने खिलाड़ियों और उनसे आगे बढ़कर क्रिकेट के प्रशंसक इस पर जबरदस्त रूप से मुहर लगा चुके हैं. सोशल मीडिया तो विराट कोहली के कारनामों से रंगा हुआ है! जहाँ देखिये विराट के नाम के चर्चे हो रहे हैं और हो भी क्यों नहीं, हर दिल अजीज कोहली ने कारनामा ही ऐसा किया है और एक ही क्यों बल्कि बार-बार, लगातार वह धमाके पर धमाका करते जा रहे हैं. टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमजोर पड़ रही अपनी टीम इंडिया को फिर एक बार हार की कगार से जीत की कगार पर ला खड़ा किया. यही तो खासियत है कोहली की. 2016 की शुरुआत से ही कोहली जबरदस्त फार्म में हैं और उसी का एक नायब नमूना ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में भी देखने को मिला. ऑस्ट्रेलिया के दिए 161 रनों के लक्ष्य को अगर भारत ने 19.1 ओवरों में ही हासिल कर लिया तो इसमें वन मैन आर्मी कोहली का ही सर्वाधिक योगदान हैं. कोहली को उनकी 51 गेंदों पर 82 रनों की पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. वैसे तो किसी मैच को जिताने में सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है, लेकिन मुश्किल के समय में जब कोई खिलाड़ी जीवटता, धैर्य और जूनून दिखाता है तो बाकी के खिलाडी भी उससे साहस पाकर ट्रैक पर आ जाते  हैं और मैच का रुख बदल जाता है. ऐसे में, कभी-कभी हार रही टीम भी जीत जाती है और भारत ऑस्ट्रेलिया के मैच में यही तो हुआ! हाल के दिनों में देखा जा रहा है कि जब भी टीम मुश्किल में होती है, उस समय कोहली अपना विराट रूप धारण कर मैच को जिताने की जिम्मेदारी अपने कन्धों पर उठाते हैं. जाहिर है ऐसे में जीत का श्रेय भी उन्हें ही मिलना चाहिए और यह श्रेय देने में तमाम लोगों ने कोई कंजूसी भी नहीं की. दिल्ली का यह युवा खिलाड़ी जब से नेशनल टीम का हिस्सा बना है तभी से सबके दिलों पर छाया हुआ है, खास कर युवा वर्ग में हद से ज्यादा दीवानगी है. अगर हम विराट कोहली के पारिवारिक जीवन के बारे में बात करते हैं तो इस खिलाड़ी का जन्म 5 नवम्बर 1988 को दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ था. उनके पिता प्रेम कोहली एक वकील और माता सरोज कोहली एक गृहिणी हैं. उनका एक बड़ा भाई और एक बड़ी बहन भी हैं. उनके परिवार के लोग बताते हैं कि जब कोहली 3 साल के थे तभी उन्होंने क्रिकेट बैट हाथ में ले लिया था. उनके इस लगन को देखते हुए उनके पिता ने यह निर्णय लिया की विराट को प्रोफेसनल क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलाई जाये. आज के उन तमाम माँ बाप को अपने बच्चों की रूचियों को ध्यान में रखते हुए उनकी रुचि के अनुसार कैरियर चुनने में आज़ादी और सहयोग देना चाहिए, इस बात से हम सबको इतनी तो प्रेरणा मिलती ही हैं. विराट ने भी अपने पापा के सपने को पूरा करके दिखाया और इस हद तक पूरा किया कि भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे चहेते क्रिकेटर बन चुके हैं. दाएं हाथ का यह बल्लेबाज कभी-कभी बोलिंग भी कर लेता हैं. 

उनकी लगन का ही परिणाम हैं कि वह अभी टेस्ट क्रिकेट की भारतीय टीम के कप्तान और वन-डे क्रिकेट की भारतीय टीम के उप-कप्तान है. उनके अंदर नेतृत्व का गुण भी कूट-कूट कर भरा हुआ है, यह बात बार-बार उन्होंने साबित भी की है. इसी कड़ी में, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में वे रॉयल चैलेंजर बंगलौर के कप्तान है. इससे पहले उन्होंने घरेलु क्रिकेट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व भी किया है. नेशनल टीम में आने से पहले वे अंडर-19 टीम में भारत के कप्तान थे जिसने 2008 में मलेशिया के अंडर-19 विश्वकप में इतिहास रचा था. इसके कुछ ही महीनों बाद उन्होंने श्रीलंका के विरुद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी. शुरू-शुरू में उन्हें टीम में आरक्षित खिलाडी के रूप में रखा जाता था, लेकिन जल्द ही वन-डे क्रिकेट में मध्यक्रम में उन्होंने अपने आप को साबित किया. 2011 में विश्वकप जितने वाली भारतीय टीम में से एक विराट कोहली भी थे. कोहली ने 2011 में वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ किंग्स्टन में अपना पहला टेस्ट मैच खेला. उनकी सफलताओं का आलम यह है कि 2013 से ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में शतकों के कारण उन्हें “वन-डे स्पेशलिस्ट” के नाम से जाना जाता है. इसी साल वे ICC की वन-डे रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर भी पहुंचे. कई सफलताओं के अतिरिक्त, विराट  ICC की सर्वश्रेष्ट 20-20 बैट्समैन की सुची में भी शीर्ष पर रहे हैं. कोहली ने अपने नाम कई रिकार्ड्स किये हैं, जिसमे सबसे तेज़ वन-डे शतक, वन-डे क्रिकेट में सबसे तेज़ 5000 रन और सबसे तेज़ 10 वन-डे शतक बनाना भी शामिल है. वे विश्व में अकेले ऐसे बल्लेबाज़ है जिन्होंने लगातार 4 सालों तक वनडे क्रिकेट में १००० से भी ज्यादा रन बनाये हैं. 2015 में वह 20-20 में 1000 रन बनाने वाले दुनिया के सबसे तेज़ बल्लेबाज़ बन गये. कोहली को कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया हैं, जैसे कि 2012 में ICC वन डे इंटरनेशनल प्लेयर ऑफ़ द इयर और बीसीसीआई द्वारा 2011-12 का सर्वश्रेष्ट अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर अवार्ड! 2013 में, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने अतुल्य योगदान के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. स्पोर्ट प्रो नामक एक यूके मैगज़ीन ने कोहली को 2014 में दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा मार्केटेबल व्यक्ति बताया. 

विराट की ये खासियत है कि मुश्किल पलों में भी संयम नहीं खोते हैं, तभी तो विरोधियों को भी अपने बल्ले से निकले शॉट की तारीफ करने पर मजबूर कर देते हैं. ऑस्ट्रेलियाई ऑल-राउंडर शेन वॉटसन ने भी कोहली की जमकर तारीफ की है. वॉटसन ने कहा कि 'कोहली को अपने खिलाफ रन बनाते नहीं देखना चाहता लेकिन विराट बड़ी आसानी से बॉल को फील्डरों के बीच से निकालते हैं और गेंद को बाउंड्री के पास पहुंचा देते हैं'. तारीफों की कड़ी यहीं नहीं रूकती है, बल्कि भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी कोहली की जम के तारीफ की है. इन तारीफों से फूलकर कुप्पा होने की बजाय 'विराट ने भी अपने अंदर घमंड को न आने दिया और जहाँ से जो भी सीख सकते हैं, वह सीखा है! उनके बारे में ऐसी तमाम कहानियां प्रचलित हैं. ऐसी ही एक कहानी में, एक बार की बात है विराट इंग्लॅण्ड के दौरे पर थे 'इंग्लैंड दौरे पर कोहली बाहर जाती गेंदों पर आउट हो रहे थे, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले वो सचिन तेंदुलकर से मिले. विराट ने सचिन से अपनी परेशानी का हल निकालने को कहा. सचिन जैसे बड़े खिलाड़ी के पास समय की कमी हमेशा ही रहती है और वो युवा क्रिकेटरों को समय देना बड़ी मुश्किल से तय कर पाते हैं! किन्तु, विराट ने उन्हें कैसे भी कर के मना ही लिया और सचिन ने उन्हें समय भी दिया था. सचिन की सलाह के बाद विराट ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट में 4 शानदार शतक बनाए. 

विराट केवल खेल के लिए ही चर्चित हों, ऐसा नहीं है, बल्कि अपने कॅरियर में सुर्खियां बटोरने वाले विराट ने अपनी 'लव स्टोरी' के लिए खासी चर्चा बटोरी है. लोगों को इस युवा खिलाड़ी की लव-लाइफ के बारे में जानने की दिलचस्पी बनी ही रहती है. फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ उनका रिश्ता जग जाहिर है. यह रिश्ता सोशल मीडिया पर खूब चर्चित भी रहा. 2014 की शुरुआत में टीम इंडिया न्यूजीलैंड के दौरे पर गई. इस दौरे पर अनुष्का भी उनके पीछे-पीछे गईं. दोनों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई. फिर क्या था दोनों के बीच प्यार की खबरें आम होती गईं. विराट ने भी इस रिश्ते को कभी छुपाया नहीं बल्कि दुनिया के सामने स्वीकार भी किया. मुश्किल तो तब आयी, जब टीम इंडिया के एकाध मैच में हारने के बाद लोग अनुष्का शर्मा को सोशल मीडिया पर निशाना बनाने लगे! इस बीच दोनों के बीच ब्रेकअप की ख़बरें भी आईं, किन्तु लोगों की दिलचस्पी इस खिलाड़ी की व्यक्तिगत लाइफ में कम नहीं हुई! इस दमदार खिलाड़ी ने इसके पहले और इस बार भी अनुष्का को निशाना बनाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की और सोशल मीडिया के ट्रोल्स को आड़े हाथों लिया. उद्दण्ड प्रशंसकों को आड़े हाथों लेते हुए औरत जात के सम्मान की जबरदस्त सीख देते हुए विराट ने समाज को ये मैसेज दिया कि आप किसी के साथ रिश्ते में हों या नहीं औरत हमेशा सम्मान की हक़दार होती है! विराट की ये नेकदिली हमेशा बरक़रार रहे और वो हमारे देश का गौरव अपने खेल के द्वारा बढ़ाते रहें यही तो हमारे जैसे उनके करोड़ों फैंस चाहते हैं!
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