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भारतीय जिम्नास्टिक्स की नयी सनसनी दीपा कर्माकर - Indian Gymnastic Lady, Dipa Karmakar, salute her, hindi article

हमारे देश भारत में क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल चर्चा में आये, ऐसा गाहे-बगाहे ही होता है. यह गाहे-बगाहे अवसर एक बार फिर हमारे सामने आया है. जी हाँ, इस बार खुशखबरी मिली है जिम्नास्टिक्स की दुनिया से और इससे भी बड़ी बात यह है कि देशवासियों को ख़ुशी का यह पल देने वाली खिलाड़ी एक महिला है. देखा जाय तो जिम्नास्टिक्स को भारत में कुछ ही लोग देखना और खेलना पसंद करते हैं और इसका अंदाजा हम इस बात से ही लगा सकते हैं कि 1964 के बाद यहाँ से जिम्नास्टिक्स का कोई खिलाडी ओलिंपिक में हिस्सा लेने योग्य योग्यता भी नहीं दिखा सका. 1964 के पहले भी इसमें कुछ पुरुष ही सक्षमता दिखा सके थे, लेकिन यह लम्बा सूखा अब टूट गया है. अगरतला की दीपा कर्माकर ने अपनी प्रतिभा से देश के तमाम लोगों को सम्मोहित किया है और रियो ओलम्पिक के लिए 'जिम्नास्टिक' से क्वालीफाई करके यह साबित किया है कि अगर ठीक ढंग से मौका मिले तो हमारे देश की लडकियां भी किसी से पीछे नहीं हैं. 9 अगस्त 1993 को अगरतला में जन्मीं दीपा आज एक बार फिर भारतीय महिलाओं को उनकी प्रतिभा का आंकलन करने पर मजबूर कर रही हैं कि अगर वह ठान लें तो भारत को हर क्षेत्र में सम्मान दिला सकती हैं. 6 साल की उम्र में जिम्नास्टिक्स की ट्रैनिंग शुरू करने वाली दीपा को ये कहाँ पता होगा कि आगे जाकर इतिहास के पन्नो में उनका नाम दर्ज हो जायेगा. हालाँकि, यह उनके अंतर्राष्ट्रीय जिम्नास्ट कैरियर की शुरुआत ही कही जा सकती हैं और अगर उनकी प्रतिभा ओलम्पिक से पदक ला पाने में सफल रही तो फिर यह हमारे देश में जिम्नास्टिक के नए युग का सूत्रपात होगा. वैसे यह सफलता भी कम बड़ी नहीं है इस युवा प्रतिभा की! 
 

अगरतला, त्रिपुरा की इस 22 वर्षीय जिम्नास्ट का यहां तक का सफर इतना आसान भी नहीं था और वह काफी संघर्ष करने के बाद इस मुकाम तक पहुंची. दीपा के तलवे फ्लैट थे, जिसे जिम्नास्ट के लिए उपयुक्त नहीं मान जाता है. इस प्रतिभाशाली लड़की की प्रतिभा को निखारने में उनके पिता और उनके कोच बिश्वेश्वर नंदी का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसने इस लड़की की प्रतिभा को न केवल पहचाना, बल्कि उसे निखारा भी! दीपा ने भी जी-जान से मेहनत की और आज इसका परिणाम सबके सामने है. दीपा के पिता खुद स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच हैं, जिन्होंने अपनी बेटी को सही रास्ता दिखाया. दीपा को राज्य , राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल मिला कर 77 मेडल मिल चुके हैं. 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर दीपा ने इस खेल में अपना सर्वस्व झोंक दिया है. बताते हैं कि जिम्नास्ट आशीष कुमार को देख कर दीपा ने अपना गोल सेट किया और उसको पूरा करने में लग गई. दीपा ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'जब आशीष ने गोल्ड मेडल जीता था, तब मैंने अपने आप से कहा था कि मैं भी भारत के लिए यह मेडल जीतूंगी...!' बताते चलें कि 2015 में दीपा को उसके अद्वितीय प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी नेशनल स्पोर्ट्स डे (हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के जन्मदिन) पर अर्जुन पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है. जाहिर है, यह अपने आप में एक सर्वोच्च सम्मान है. तकनीक की दृष्टि से बात करें तो, जिमनास्टिक्स में  ईवेंट प्रोडुनोवा वॉल्ट सबसे मुश्किल माना जाता है, जिसे दीपा बहुत आसानी से कर लेती है. इसका प्रदर्शन 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में दीपा ने किया था. हालाँकि, इसमें दीपा को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा, किन्तु यह तो उसके लिए शुरुआत भर थी. इसमें उनके साथ 4 और महिलाएं थीं और यही समय था, जब दीपा को सभी जानने लगे थे! इसी क्रम में, 2015 में हिरोशिमा एशियन जिमनास्टिक्स चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज जीत की हकदार बनीं थीं दीपा! 

हालाँकि, दीपा का ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करना देश के लिए बेहद गर्व की बात है, क्योंकि पिछली आधी सदी से ज्यादा समय में यह कार्य न हो सका था, उसे एक 22 साल की लड़की ने कर दिखाया. उनकी इस बड़ी सफलता पर बधाइयां भी बड़ी-बड़ी ही मिली हैं. ओलंपिक क्वालीफ़ाईंग इवेंट में 52.698 अंक हासिल करने वालीं दीपा करमाकर की इस उपलब्धि पर भारत के मशहूर क्रिकेटर रहे सचिन तेंदुलकर ने उन्हें बधाई दी है, तो जाने माने फ़िल्म निर्देशक शेखर कपूर ने ट्वीट पर कहा है कि “यही तरीका है, ओलंपिक खेलों में क्वालीफ़ाई करने वाली महिला भारतीय एथलीट दीपा.” यही नहीं, खेल एवं युवा मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ट्वीट किया है, “भारतीय जिमनास्टिक को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए बहुत बहुत बधाई. दीपा करमाकर हमें आप पर गर्व है.” जाहिर है, आने वाले समय में दीपा पर सबकी नज़रें बखूबी टिकी रहेंगी क्योंकि इस लड़की ने न केवल व्यक्तिगत सफलता अर्जित की है, बल्कि ओलम्पिक में यह समूचे भारत का अपने क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करेगी. जाहिर है, रियो से लेकर भारत के कोने-कोने में जय हिन्द सुनाई देगा और तब इससे भी बड़ा जश्न होगा, जब दीपा के खाते में आएगा 'ओलिम्पिक पदक'!
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2 टिप्पणियाँ

  1. ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने का बाद रिओ में स्वर्ण पदक हासिल क्र देश के साथ अपना नाम भी रौशन किया दीपा ने ....दीपा को ओलम्पिक के लिए बहुत बहुत शुभकामनाये ...Good Luck Deep

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  2. ओलम्पिक में दीपा मैडल जीते इस उम्मीद के साथ ढेर सारी शुभकामनायें.

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